10 Short Moral Stories in Hindi – छोटे बच्चो की नैतिक कहानिया

कहानी पढ़ना किस बच्चो को नहीं पसंद। और यदि कहानी में कुछ Moral Value सिखाये तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। बच्चो को कहानी का आनंद आ जाता है और उन्हें कुछ सिखने को भी मिल जाता है।

तो आज इसी चीज को मध्यनजर रखते हुए हम लेकर आये है short moral stories in hindi जिन्हे बच्चे पढ़ कर आनंद और सिख प्राप्त कर सकते है।

आज हम आपको कई प्रकार के moral stories वाली कहानिये देने जा रहे है जिन्हे class 1 class 2 के बच्चो के लिए अच्छा माना गया है। यदि आप अपने बच्चो को नैतिक कहानिया उनके सोने समय में सुनते हो तो बच्चो पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है।

चलिए अब बिना समय व्यापित करते हुए सुरु करते है short moral stories in hindi

अपना अपना नजरिया

class 2 short moral stories in hindi
class 2 short moral stories in hindi

एक बार एक संत अपने शिष्यों के साथ नदी में स्नान कर रहे थे तभी एक राहगीर वंहा से गुजरा तो महात्मा को नदी में नहाते देख वो उनसे कुछ पूछने के लिए रुक गया | वो संत से पूछने लगा महात्मन एक बात बताईये कि यंहा रहने वाले लोग कैसे है क्योंकि मैं अभी अभी इस जगह पर आया हूँ और नया होने के कारण मुझे इस जगह को कोई विशेष जानकारी नहीं है ।”

इस पर महात्मा ने उस व्यक्ति से कहा कि भाई में तुम्हारे सवाल का जवाब बाद में दूंगा पहले तुम मुझे ये बताओ कि तुम जिस जगह से आये वो वंहा के लोग कैसे है ?” इस पर उस आदमी ने कहा “उनके बारे में क्या कहूँ महाराज वंहा तो एक से एक कपटी और दुष्ट लोग रहते है इसलिए तो उन्हें छोड़कर यहा बसेरा करने के लिए आया हूँ ।” महात्मा ने जवाब दिया बंधू ” तुम्हे इस गाँव में भी वेसे ही लोग मिलेंगे कपटी दुष्ट और बुरे ।” वह आदमी आगे बढ़ गया |

थोड़ी देर बाद एक और राहगीर उसी मार्ग से गुजरता है और महात्मा से प्रणाम करने के बाद कहता है महात्मा जी मैं इस गाँव में नया हूँ और परदेश आया हूँ और इस ग्राम में बसने की इच्छा र लेकिन मुझे यंहा की कोई खास जानकारी नहीं है इसलिए आप मुझे बता सकते है ये जगह कैसे है और यंहा रहने वाले लोग कैसे है ?”

महात्मा ने इस पर फिर वही प्रश्न किया और उनसे कहा कि ” मैं तुम्हारे सवाल का जवाब तो दूंगा लेकिन बाद में पहले तुम मुझे ये बताओ कि तुम पीछे से जिस देश से भी आये हो वंहा रहने वाले लोग कैसे है ??”

उस व्यक्ति ने महात्मा से कहा गुरूजी जन्हा से मैं आया हूँ वहा भी सभ्य सुलझे हुए और नेकदिल इन्सान रहते है मेरा वहा से कंही और जाने का कोई मन नहीं था लेकिन व्यापार के सिलसिले में इस और आया हूँ और यंहा की आबोहवा भी मुझे भा गयी है इसलिए मेने आपसे ये सवाल पूछा था ।” इस पर महात्मा ने उसे कहा बंधू ” तुम्हे यंहा भी नेकदिल और भले इन्सान मिलेंगे ।” वह राहगीर भी उन्हें प्रणाम करके आगे बढ़ गया |

शिष्य ये सब देख रहे थे तो उन्होंने ने उस राहगीर आगे बढ़ गया |

शिष्य ये सब देख रहे थे तो उन्होंने ने उस राहगीर के जाते ही पूछा गुरूजी ये क्या अपने दोनों राहगीरों को अलग अलग जवाब दिए हमे कुछ भी समझ नहीं आया | इस पर मुस्कुराकर महात्मा बोले वत्स आमतौर पर हम आपने आस पास की चीजों को जैसे देखते है वैसे वो होती नहीं है इसलिए हम अपने अनुसार अपनी दृष्टि (point of view) से चीजों को देखते है और ठीक उसी तरह जैसे हम है । अगर हम अच्छाई देखना चाहें तो हमे अच्छे लोग मिल जायेंगे और अगर हम बुराई देखना चाहें तो हमे बुरे लोग ही मिलेंगे | सब देखने के नजरिये (पर निर्भर करता है ।

कैसा लगा आपको यह पहली कहानी आशा करते है आपको class 2 short moral stories in hindi पढ़ के अच्छा लग रहा हो चलिए अब आगे बढ़ते है और पढ़ते है दूसरी नैतिक कहानी।

बदलाव – short moral stories in hindi

small short stories with moral values in hindi
small short stories with moral values in hindi

जिन्दगी में बहुत सारे अवसर ऐसे आते है जब हम बुरे हालात का सामना कर रहे होते है और सोचते है कि क्या किया जा सकता है क्योंकि इतनी जल्दी तो सब कुछ बदलना संभव नहीं है और क्या पता मेरा ये छोटा सा बदलाव कुछ क्रांति लेकर आएगा या नहीं लेकिन मैं आपको बता दूँ हर चीज़ या बदलाव की शुरुआत बहुत ही बुनियादी ढंग से होती है । कई बार तो सफलता हमसे बस थोड़े ही कदम दूर होती है कि हम हार मान लेते है जबकि अपनी क्षमताओं पर भरोसा रख कर किया जाने वाला कोई भी बदलाव छोटा नहीं होता और वो हमारी जिन्दगी में एक नीव का पत्थर भी साबित हो सकता है | चलिए एक कहानी पढ़ते है इसके द्वारा समझने में आसानी होगी कि छोटा बदलाव किस कदर महत्वपूर्ण है ।

एक लड़का सुबह सुबह दौड़ने को जाया करता था । आते जाते वो एक बूढी महिला को देखता था | वो बूढी महिला तालाब के किनारे छोटे छोटे कछुवों की पीठ को साफ़ किया करती थी | एक दिन उसने इसके पीछे का कारण जानने की सोची ।

वो लड़का महिला के पास गया और उनका अभिवादन कर बोला

नमस्ते आंटी ! मैं आपको हमेशा इन कछुवों की पीठ को साफ़ करते हुए देखता हूँ आप ऐसा किस वजह से करते हो ?” महिला ने उस मासूम से लड़के को देखा और इस पर लड़के को जवाब दिया ” मैं हर रविवार यंहा आती हूँ और इन छोटे छोटे कछुवों की पीठ साफ़ करते हुए सुख शांति का अनुभव लेती हूँ।” क्योंकि इनकी पीठ पर जो कवच होता है उस पर कचता जमा हो जाने की वजह से इनकी गर्मी पैदा करने की क्षमता कम हो जाती है इसलिए ये कछुवे तैरने में मुश्किल का सामना करते है | कुछ समय बाद तक अगर ऐसा ही रहे तो ये कवच भी कमजोर हो जाते है इसलिए कवच को साफ़ करती हूँ |

यह सुनकर लड़का बड़ा हैरान था । उसने फिर एक जाना पहचाना सा सवाल किया और बोला “बेशक आप बहुत अच्छा काम कर रहे है लेकिन फिर भी आंटी एक बात सोचिये कि इन जैसे कितने कछुवे है जो इनसे भी बुरी हालत में है जबकि आप सभी के लिए ये नहीं कर सकते तो उनका क्या क्योंकि आपके अकेले के बदलने से तो कोई बड़ा बदलाव नहीं आयेगा न |

महिला ने बड़ा ही संक्षिप्त लेकिन असरदार जवाब दिया कि भले ही मेरे इस कर्म से दुनिया में कोई बड़ा बदलाव नहीं आयेगा लेकिन सोचो इस एक कछुवे की जिन्दगी में तो बदल्वाव आयेगा ही न | तो क्यों हम छोटे बदलाव से ही शुरुआत करें |

लल्लू को मिला सबक

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वर्षो पहले अनुपुर में धनीराम नाम का एक व्यापारी रहा करता था । उसके पास एक गधा था वह उसे लल्लू के नाम से पुकारा करता था । धनीराम रोज के बोरी नमक की गधे पर लादकर शहर को ले जाया करता था । शहर जाने के लिए उसे नदी पार करनी होती थी । लम्बे समय से एक ही रास्ते से रोज आने जाने के कारण लल्लू रास्ता अच्छी तरह से पहचान गया था ।

धनीराम को जब विश्वाश हो गया तो वो गधे पर बोरी लाद देता और उसे शहर एक दुकानदार के पास अकेले ही भेज दिया करता था । शहर में एक व्यापारी उसकी बोरी उतार लेता तो लल्लू उसी रास्ते वापिस लौट आया करता था ।

एक दिन जब लल्लू पानी में उतर रहा था तो नमक की बोरी थोड़ी पानी में भीग गयी जिसके कारण थोडा नमक पानी में घुल गया जिस से बोरी का वजन कम हो गया और लल्लू को बहुत आराम मिला । इस तरह उसे पता चल गया कि बोरी के पानी में भीग जाने के कारण बोझ कम हो जाता है तो लल्लू हर रोज यही करने लगा ।

एक दिन शहर के व्यापारी को पानी से भीगी बोरी को देखकर थोडा शक हुआ तो उसने उसे तौल कर देखा तो नमक कम निकला इस पर उसने एक कागज पर सारी बात लिखकर बोरी में रख दिया ।

यह सुनकर धनीराम चौक गया और उस दिन उसने गधे की पीठ पर बोरी लादकर उसका पीछा किया तो जब उसने गधे को पानी में डुबकी लगाते हुए देखा तो वो भी उसकी सारी चालाकी समझ गया और इस पर उसने अगले दिन गधे की पीठ पर नमक की जगह कपास रखी और उसे रवाना कर दिया । गधे ने इस बार पहले की तरह जैसे ही पानी में डुबकी लगायी तो वजन कम होने की जगह और बढ़ गया अब तो गधे से खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था । जैसे तेसे वो पानी में से निकला और पहुंचा ।

फिर उसने आगे से कभी ऐसा नहीं किया और धनीराम ने इस तरह आलसी गधे को अच्छा सबक सिखा दिया।

कैसे लगे आपको अभी तक के तीन small short stories with moral values in hindi अभी ये सिलसिला खत्म नहीं हुआ है अभी तो आपके लिए और भी कई साड़ी नैतिक और मनोरंजन से भरपूर कहानिया है। चलिए अगली कहानी के तरह बढ़ते है जिसका शीर्षक है।

मैले कपडे – moral stories for kids in hindi

moral stories for childrens
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जापान में एक शहर है ओसाका वंहा शहर के निकट ही एक गाँव में एक विद्वान संत रहा करते थे । एक दिन संत अपने एक अनुयायी के साथ सुबह की सैर कर रहे थे । अचानक ही एक व्यक्ति उनके निकट आया और उन्हें बुरा भला कहने लगा उसने संत के लिए बहुत सारे अपशब्द कहे लेकिन संत फिर भी मुस्कुराते हुए चलते रहे । उस व्यक्ति ने देखा कि संत पर कोई असर नहीं हुआ तो वह व्यक्ति और भी क्रोधित हो गया और उनके पूर्वजो तक को गालियाँ देने लगा ।

संत फिर भी मुस्कुराते हुए आगे बढ़ते रहे और संत पर कोई असर नहीं होते देख वो व्यक्ति निराश हो गया और उनके रास्ते से हट गया उस व्यक्ति के जाते ही संत के अनुयायी ने उस संत से पूछा कि अपने उस दुष्ट की बातों का कोई जवाब क्यों नहीं दिया वो बोलता रहा और आप मुस्कुराते रहे क्या आपको उसकी बातों से जरा भी कष्ट नहीं हुआ ।

संत कुछ नहीं बोले और अपने अनुयायी को अपने पीछे आने का इशारा किया । कुछ देर चलने के बाद वो दोनों संत के कक्ष तक पहुँच गये । उस से संत बोले तुम यही रुको मैं अंदर से अभी आया । कुछ देर बाद संत अपने कमरे से निकले तो उनके हाथों में कुछ मैले कपडे थे उन्होंने बाहर आकर उस अनुयायी से कहा ये ” लो तुम अपने कपडे उतारकर ये कपडे धारण कर लों इस पर उस व्यक्ति ने देखा कि उन कपड़ों में बड़ी तेज अजीब सी दुर्गन्ध आ रही थी इस पर उसने हाथ में लेते ही उन कपड़ों को दूर फेंक दिया ।”

संत बोले अब समझे जब कोई तुमसे बिना मतलब के बुरा भला कहता है तो तुम क्रोधित होकर उसके फेंके हुए अपशब्द धारण करते हो अपने साफ़ सुथरे कपड़ो की जगह । इसलिए जिस तरह तुम अपने साफ सुथरे कपड़ों की जगह ये मैले कपडे धारण नहीं कर सकते उसी तरह मैं भी उस आदमी में फेंके हुए अपशब्दों को कैसे धारण करता यही वजह थी कि मुझे उसकी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ा ।

चलिए बढ़ते है अब हमारे आखिरी short moral stories in hindi पर जिसका शीर्षक है फूल का पौधा।

फूल का पौधा

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बहुत ही पुराने समय की बात है मिस्र देश का एक राजा था जिस पर देवता प्रसन्न हो गये और उसके पास आये और उसे उपहार स्वरुप एक चमत्कारी तलवार दी और उसे बोले कि जाओ और दुनिया फतह करो । इस पर राजा ने भगवान से सवाल किया कि भगवन आप भी कमाल करते है भला मुझे किस चीज़ की कमी है जो मैं पूरी दुनिया को फतह करूँ । ”

इस पर देवता ने फिर से कुछ सोचकर “पारसमणि देते हुए राजा से कहा ये लो पारसमणि और जितना चाहे उतना धन की प्राप्ति करो ।” इस पर राजा ने फिर से सवाल किया भगवान मैं इतना धन प्राप्त करकर क्या करूँगा बताओ ।” राजा ने वो लेने से भी मना कर दिया ।

इस पर देवता ने उसे एक अप्सरा देते हुए कहा ” ये लो मैं तुम्हे तुम्हारे साथ रहने को ये खूबसूरत अप्सरा देता हूँ ।” इस पर राजा ने कहा भगवान मुझे ये भी नहीं चाहिए आपके पास इन सब से कुछ बेहतर हो तो बताओ ।

देवता अब सोचा में पड़ गया और कहने लगा सभी मनुष्य तो यही सब पाने के लिए संघर्ष करते है और मैं तुम्हे सहर्ष इतना सब दे रहा हूँ फिर भी तुम मना कर रहे हो तो तुम ही बताओ मैं तुम्हारे लिए किस चीज़ की व्यवस्था करूँ जो तुम्हे पसंद हो ।

राजा ने देवता से कहा भगवान जरा सोचिये मैं अगर तलवार को धारण करता हूँ तो भी उसकी धार भी एक न एक दिन चली जाएगी और नहीं तो मैं कोइंसा युगों युगों तक यंहा रहने वाला हूँ और अगर अप्सरा के लिए हाँ करता हूँ तो उसका सौंदर्य भी तो कोई अतुलनीय नहीं है जबकि अगर पारसमणि को धारण करता हूँ तो धन भी कोई मुक्ति का मार्ग नहीं है तो मैं क्योंकर इन सब की इच्छा रखूं ?

इस पर राजा ने जारी रखते हुए कहा प्राकृतिक सौन्दर्य से तो देवता भी धरती पर विचरण के लिए आते है इसलिए आप मुझे यह फूलों का पौधा ही दे दीजिये मैं इसे बड़ा होते और इसमें फूलो को खिलते हुए देखूंगा इस से रमणीय मेरे लिए कुछ अधिक नहीं हो सकता ।

moral stories in hindi से सम्बन्धित सवाल

Moral Story Kya Hote Hai

Moral Story ya Stories ऐसी कहानिया होती है जिनको पढ़ने से कुछ महत्वपूर्ण सिख हमे मिलती है। और नैतिक कहानी पढ़ने से बच्चो के दिमाग पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और उनका मानसिक विकास होता है। इसलिए हर रात्रि को अपने बच्चो को एक ना एक नैतिक कहानी अवश्य सुनाए।

Moral Story पढ़ने के लाभ

वैसे तो Moral Story (नैतिक कहानी) पढ़ने के काफी सारे लाभ है उनमे से कुछ है बच्चो का मानसिक विकास , नैतिक मूल्यों को पता चलना , एक अच्छा हेब्बिट बनना और सबसे महत्वपूर्ण नैतिक कहानी पढ़ने से उनके दुसरो के प्रति अच्छा विचार आता है।

Parents बच्चो को moral story कैसे सुनाए

रोजाना रात्रि को सोते समय बच्चो को नैतिक कहानी (Moral Story) पढ़ने से बच्चो पर होता है लाभ इसलिए हमेशा कोशिश करे रात्रि के समय में बच्चो को नैतिक कहानी सुनाए जिनसे उनका मानसिक विकास तथा उनका दिमाग और बढे।

आज आपने क्या सीखा

तो यहाँ हमारा आज का सफर समाप्त होता है लेकिन जाने से पहले हमे यह याद रखना चाहिए की आज हमने क्या सीखा तो आज हमने सीखा और पढ़ा small short stories with moral values in hindi जो आशा करते है आपको पसंद आया हो। हमे इंस्टाग्राम पर फॉलो अवश्य करे INSTAGRAM

यदि आपके दिमाग में कोई अन्य नैतिक कहानिया है तो हमे कमेंट में बताए हम उन कहानियो को यहाँ पर प्रस्तुत कर देंगे। हमारे ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद् चलिए मिलते है अगले और मनोरंजन से भरे विषय पर।

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